Loading...

cpy pst prnt kybrd kys rght clk dslb

ad banner

Himachal Pradesh | हिमाचल के जिले : काँगड़ा

This eduroar website is useful for govt exam preparation like HPSSC (HPTET COMMISSION : JBT TET COMMISSION, ARTS TET COMMISSION, NON-MEDICAL TET COMMISSION,  MEDICAL TET COMMISSION etc.), HPBOSE TET (JBT TET, ARTS TET, NON-MEDICAL TET, MEDICAL TET etc.), HPU University Exam (Clerk, Computer Operator, JOA IT, JOA Accounts etc.), Other University Exam, HP Police, HP Forest  Guard, HP Patwari etc.

Student can access this website and can prepare for exam with the help of eduroar website. We always include previous years' questions and most important questions for better preparation that can help a lot.
In this website each webpage contains minimum 10 mcq objective type and maximum upto 30 mcq objective type questions or other useful information.

इन Webpages में सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को सम्मिलित किया है इससे सम्बंधित प्रश्न सभी परीक्षाओं जैसे UPSC, RAS, MPPSC, UPSSSC, REET, CTET, HPTET, HTET, BSTC, PGT, KVS, DSSSB, Railway, Group D, NTPC, Banking, LDC Clerk, IBPS, SBI PO, SSC CGL, MTS, Police, Patwari, Forest Gard, Army GD, Air Force etc. में भी जरूर पूछे जाते है जो आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।
हिमाचल प्रदेश | हिमाचल के जिले : काँगड़ा

1. जिले के रूप में गठन -1 नवम्बर, 1966

2. जिला मुख्यालय - धर्मशाला

3. जनघनत्व - 263 (2011 में)

4. साक्षरता - 86.49 % (2011 में)

5. कुल क्षेत्रफल - 5739 वर्ग किमी.

6. जनसंख्या - 15,07,223 (2011 में)

7. लिंगानुपात - 1013 (2011 में)

8. दशकीय वृद्धि दर - 12.56%; (2001-2011)

9. प्रदेश में जनसंख्या का योगदान - 21.98% (2011 में)

10. कुल गाँव - 3868 (आबाद गाँव 3619)

11. ग्राम पंचायतें - 760

12. विकास खण्ड - 15

13. ग्रामीण जनसंख्या - 14,20,864 (94.28%, 2011 में)

14. शिशु लिंगानुपात - 873 (2011 में)

(i) भूगोल -

1. भौगोलिक स्थिति - कांगड़ा जिला हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में स्थित है | काँगड़ा के दक्षिण में ऊना, हमीरपुर और मण्डी जिलें स्थित है | इसके पूर्व में कुल्लू और लाहौल-स्पीती, उत्तर में चम्बा तथा पश्चिम में पंजाब राज्य की सीमाएं लगती हैं |

2. पर्वत श्रृंखलाएं - धौलाधार पर्वत श्रृंखला कुल्लू से होते हुए भंगाल क्षेत्र को पार करके काँगड़ा जिले में प्रवेश करती है | यह चम्बा के हाथिधार के समांतर चलती हैं |

3. नदियाँ - व्यास नदी रोहतांग से निकल कर कुल्लू, मण्डी के बाद पालमपुर तहसील के संघोल से काँगड़ा में प्रवेश करती है | व्यास नदी नदौन से होते हुए मिरथल के पास काँगड़ा को छोड़कर पंजाब में प्रवेश करती है | देहर और चक्की खड्ड काँगड़ा और पंजाब की सीमा बनाते हैं |

4. झीलें - काँगड़ा में डल, करेरी (प्राकृतिक) एवं पोंग (कृत्रिम) झीलें स्थित है |

(ii) परियोजना -

1. पौंगजल विद्युत परियोजना व्यास नदी पर - 396 मेगावाट

2. गज जल विद्युत परियोजना (शाहपुर) -10 मेगावाट

3. बनेर जल विद्युत परियोजना - 12 मेगावाट

(iii) धार्मिक स्थान एवं मंदिर -

1. ज्वालामुखी मंदिर - अकबर ने इस मंदिर पर सोने का छत्र चढ़ाया था और फिरोज शाह तुगलक यहाँ से 1300 पुस्तकें फ़ारसी में अनुवाद के लिए ले गया था |

2. ब्रजेश्वरी मंदिर - इस मंदिर को महमूद गजनवी ने लूटा था |

काँगड़ा के मसरूर रॉक कट मंदिर को हिमाचल प्रदेश का अजंता कहते हैं | बैजनाथ में शिव मंदिर, नूरपुर में गंगा मंदिरचामुंडा मंदिर आदि सभी काँगड़ा जिलें में हैं |

(iv) शिक्षा और स्थान - काँगड़ा के धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है | इसका एक भाग देहरा में भी है |

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड -धर्मशाला

धर्मशाला - धर्मशाला में डल झील और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का मुख्यालय है | यह बौध धर्म गुरु दलाईलामा का निवास स्थान है | धर्मशाला 'छोटा तिब्बत' या 'छोटा लिहासा' के नाम से भी जाना जाता है | धर्मशाला में 1863 ई. में सेंट जोंस चर्च के पास लॉर्ड एल्गिन को दफनाया गया था | वार मेमोरियल (युद्ध स्मारक) धर्मशाला में है | धर्मशाला में प्रतिवर्ष 340 सेमी. वर्षा होती है | तिब्बत की निर्वासित सरकार का मुख्यालय भी धर्मशाला में है | धर्मशाला का निर्माण 1846 ई. में लॉर्ड मैकलोड ने किया था | धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थित है |

विश्वविद्यालय - पालमपुर में कृषि विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1978 ई. में की गई थी |

आयुर्वेदिक कॉलेज-पपरौला में आयुर्वेदिक कॉलेज है, जिसकी स्थापना 1978 ई. में की गई थी | पपरौला में नवोदय स्कूल भी है |

स्थान - काँगड़ा के अन्द्रेटा में शोभा सिंह आर्ट गैलरी है |

किताबें - एम.एस.रंधावा ने काँगड़ा पेंटिंग और जे.सी.फ्रेंच ने संसारचंद ऑफ़ कांगड़ा किताब लिखी |

(v) जननांकीय आँकड़े - काँगड़ा की जनसंख्या 1901 ई. में 4,78,364 थी जो 1951 से बढ़कर 5,70,643 हो गई | वर्ष 1971 में काँगड़ा की जनसंख्या 8,00,863 जो वर्ष 2011 में बढ़कर 15,07,223 हो गई | काँगड़ा जिले का जनघनत्व 2011 में 263 हो गया है | काँगड़ा जिले में सर्वाधिक 15 विधानसभा क्षेत्र हैं | काँगड़ा जिले में कुल 3868 गाँव हैं जिनमें से 3619 गाँव आबाद गाँव हैं | काँगड़ा जिले में 760 पंचायतें हैं (2011 तक) | काँगड़ा जिले की जनसंख्या 2011 में 94.28% ग्रामीण और 5.72% शहरी थी |

(vi) काँगड़ा का स्थान - काँगड़ा जिले का क्षेत्रफल 5739 वर्ग किमी. है और यह हिमाचल प्रदेश के जिलों में चौथा सबसे बड़ा जिला है | काँगड़ा जिले की जनसंख्या 12 जिलों में सर्वाधिक है | काँगड़ा जिला 2011 में जनघनत्व में पांचवें स्थान पर है | काँगड़ा जिला दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर (12.56%) में सातवें स्थान पर था | काँगड़ा जिले का लिंगानुपात 2011 में हमीरपुर के बाद सर्वाधीक (दूसरा स्थान) है | काँगड़ा जिला 2011 में शिशु लिंगानुपात के मामले में पिछड़कर 11वें स्थान पर चला गया | वह ऊना के बाद 873 शिशु लिंगानुपात के साथ 11वें स्थान पर है | साक्षरता में काँगड़ा जिला 2011 में तीसरे स्थान पर है | किन्नौर और लाहौल-स्पीती के बाद सबसे अधिक ग्रामीण जनसंख्या काँगड़ा जिले में है | काँगड़ा जिले का 35.92% भाग वनाच्छादित है | वह इस मामले में छठे स्थान पर है | जबकि वनाच्छादित क्षेत्रफल (2062 वर्ग किमी.) के मामले में काँगड़ा जिला तीसरे स्थान पर है | काँगड़ा जिले के केवल 3% भाग में चरागाह है | काँगड़ा जिले में सर्वाधिक भैंसे पाई जाती हैं | काँगड़ा जिले में सर्वाधिक लघु उद्योग (8761) है | काँगड़ा जिले में सर्वाधिक (5602 किमी.) सड़कों की लम्बाई है | काँगड़ा जिले में (2011-12 में) सर्वाधिक कटहल, आँवला, लौकाठ, अमरुद, लीची, आम, नींबू, माल्टा और संतरे का उत्पादन होता है | आडू, प्लम, गलगल, अनार के उत्पादन में काँगड़ा दूसरे स्थान पर है |

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad