1. जिले के रूप में गठन - 1 सितम्बर, 1972
2. जिला मुख्यालय - सोलन
3. जनसंख्या घनत्व - 298 (2011 में)
4. साक्षरता दर - 85.02% (2011 में)
5. कुल गाँव - 2536 (आबाद गाँव - 2388)
6. विकास खण्ड - 5
7. शिशु लिंगानुपात - 898 (2011 में)
8. कुल क्षेत्रफल- 1,936 वर्ग किमी. (3.40%)
9. कुल जनसंख्या - 5,76,670 (8.41%) (2011 में)
10. लिंगानुपात - 884 (2011 में)
11. दशकीय (2001-2011) जनसंख्या वृद्धि - 15.21%
12.ग्राम पंचायतें - 211
13. विधानसभा क्षेत्र - 5
14. ग्रामीण जनसंख्या - 4,74,592 (82.30%)(2011 में)
(i) भूगोल -
1. भौगोलिक स्थिति - सोलन जिला हिमाचल प्रदेश के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित है | सोलन जिले के पूर्व में शिमला, पश्चिम में पंजाब , उत्तर में बिलासपुर और मण्डी तथा दक्षिण में सिरमौर और हरियाणा की सीमाएं लगती हैं |
2. घाटियाँ - सोलन जिले की सोलन तहसील में सपरून घाटी, नालागढ़ तहसील में दून घाटी और अर्की तहसील में कुनिहार घाटी स्थित है | दून घाटी जिले की सबसे उपजाऊ घाटी है |
3. नदियाँ - सोलन जिले में यमुना की सहायक नदी असनी, सतलुज की सहायक नदी गम्भर, डबार, कुठार और कियार है | कौसल नदी घग्घर की सहायक नदी है | सिरसा नदी नालागढ़ उपमंडल में है |
(ii) इतिहास - सोलन जिला शिमला पहाड़ी की रियासतों का हिस्सा है जिसमें बाघल-120 वर्ग मील, महलोग-49 वर्ग मील, बघाट-33 वर्ग मील, कुठाड़-21 वर्ग मील, मांगल-14 वर्ग मील, कुनिहार-7 वर्ग मील और बेजा-5 वर्ग मील शामिल है | इन 7 पहाड़ी रियासतों को मिलाकर 15 अप्रैल, 1948 ई. में सोलन और अर्की तहसील का गठन किया गया जो कि महासू जिले की तहसीलें थी | इन 7 पहाड़ी रियासतों के अलावा हण्डूर (नालागढ़) - 276 वर्ग मील रियासत को 1966 ई. हिमाचल प्रदेश में (शिमला की तहसील के रूप में और 1972 ई. में सोलन जिले में) मिलाया गया | हण्डूर रियासत को छोड़कर बाकी सभी सात रियासतें 1790 ई. तक बिलासपुर रियासत को वार्षिक लगान देती थी | मांगल रियासत तो 1790 ई. के बाद वार्षिक लगान बिलासपुर राज्य को देती रही |
(iii) अर्थव्यवस्था - सोलन में 1961-62, बरोटीवाला में 1964-65 और परवाणू में 1975 में औद्योगिक एस्टेट स्थापित किए गए | परवाणू में HPMPC की प्रोसेंसिग इकाई है | नालागढ़ में डोलोमाइट, कुठार में जिप्सम और दाड़लाघाट में लाइम स्टोन (चूना पत्थर) के भण्डार हैं | मोहन मिकिंग ब्रुअरी की 1855 ई.में स्थापना की गई | बद्दी हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर है | सोलन को खुम्भ नगरी (मशरूम सिटी) के नाम से भी जाना जाता है | यहाँ पर राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान संस्थान है | दाड़लाघाट में अम्बुजा सीमेंट फैक्टरी है |
(iv) जिले का गठन - 15 अप्रैल, 1948 ई. को बघाट, बाघल, कुनिहार, महलोग, कुठाड़, बेजा और मांगल रियासतें (सोलन और अर्की तहसील के रूप में) महासू जिले का हिस्सा थे जबकि नालागढ़ रियासत पेप्सू (पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ) का हिस्सा था | नालागढ़अम्बाला जिले की तहसील थी | नालागढ़ और कंडाघाट को शिमला जिले के हिस्से के रूप में 1 नवम्बर, 1966 ई. में हिमाचल प्रदेश में मिलाया गया | नालागढ़, कंडाघाट, अर्की, सोलन को मिलाकर 1 सितम्बर, 1972 ई. को सोलन जिले का निर्माण किया गया |
(v) विविध - सोलन का अनीस विला सलमान रुश्दी का घर है | सोलन के नौणी में वाई. एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1985 ई. में की गई थी | कसौली के सनावर में लॉरेंस स्कूल है जिसकी स्थापना 1847 ई. में सर हेनरी लॉरेंस ने की थी | कंडाघाट में महिला पोलिटेकनिक संस्थान है | कुनिहार में नवोदय स्कूल है | चायल महाराजा पटियाली भूपीन्द्र सिंह की ग्रीष्मकालीन राजधानी था | यहाँ विश्व का सबसे ऊँचा क्रिकेट ग्राउंड,मिलिट्री स्कूल और वन-प्रशिक्षण विद्यालय है | कसौली में CRI (केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान) है | जहाँ पागल कुत्तों के काटने का टीका बनाया जाता है | डगशाई (महाराजा पटियाला की जागीर था) और सबाथू में सेना की छावनी है |
oसोलन का नामकरण शूलनी के नाम पर हुआ जिनका मंदिर सोलन में है | शूलनी मेला हर वर्ष जून में (जून में) लगता है |
oदाड़लाघाट, मजाठल, चायल और शिल्ली में वन्य-जीव अभयारण्य है |
(vi) जननांकीय आँकड़े - सोलन जिले की जनसंख्या 1901 ई. में 1,41,698 से बढ़कर 1951 ई. में 1,68,271 हो गई | वर्ष 1971 ई. में सोलन जिले की जनसंख्या 2,37,514 से बढ़कर 2011 में5,76,670 हो गई | सोलन जिले का लिंगानुपात 2011 में 884 दर्ज किया गया | सोलन जिले का जनघनत्व 2011 में 298 हो गया है | सोलन जिले में 2011 में 4,74,592(82.30%) जनसंख्या ग्रामीण और 1,02,078 (17.70%) जनसंख्या शहरी थी | सोलन जिले में 211 ग्राम पंचायतें, 898 शिशु लिंगानुपात (2011), 15.21% दशकीय (2001-2011) जनसंख्या वृद्ध दर, 5 विकास खण्ड और विधानसभा क्षेत्र हैं |
(vii) सोलन जिले का स्थान - सोलन जिला क्षेत्रफल में 9वें स्थान पर है | सोलन जिला जनसंख्या में चौथे स्थान पर है | दशकीय (2001-2011) जनसंख्या वृद्धि दर में सोलन तीसरे स्थान पर है | सोलन जिला लिंगानुपात (2011) में 11वेंस्थान पर है | उसका लिंगानुपात सिर्फ किन्नौर से अधिक है | सोलन जिला शिशु लिंगानुपात (2011 ) में आठवें स्थान पर है | सोलन जिले के कुल क्षेत्रफल के 43.85% भाग पर वन हैं और वह तीसरे स्थान पर है | सोलन जिला सबसे अधिक लोगों को उद्योगों में रोजगार उपलब्ध करवाता है | यहाँ उद्योगों में सबसे अधिक निवेश किया गया है | सोलन जिले में 2011-2012 में सबसे अधिक खुमानी और किवी का उत्पादन हुआ | जनघनत्व में सोलन चौथे स्थान पर है | सोलन जिले में शिमला के बाद सबसे अधिक शहरी जनसंख्या निवास करती है।