(i) सुरक्षा - हिमाचल प्रदेश के सैनिकों ने अब तक सैकड़ों बहादुरी के पदक प्राप्त किए हैं | इनमें 2 विक्टोरिया क्रॉस, 4 परमवीर चक्र, 1 अशोक चक्र, 15 महावीर चक्र और करीब 70 वीर चक्र शामिल हैं |
विक्टोरिया क्रॉस विजेता -
1. भोरंज, हमीरपुर जिले के स्वर्गीय जमादार लालाराम हिमाचल प्रदेश के प्रथम विक्टोरिया क्रॉस विजेता थे | 1914 से 1918 तक हुए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दर्शाई गई वीरता के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया था |
2. घुमारवीं, बिलासपुर के मेजर जनरल भंडारी राम हिमाचल प्रदेश के दूसरे विक्टोरिया क्रॉस विजेता हैं | उन्हें यह पुरस्कार 1939 से 1945 के मध्य हुए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दर्शाए गए अदम्य साहस के लिए प्रदान किया गया था |
परमवीर चक्र -
1. काँगड़ा के मेजर सोमनाथ शर्मा भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता हैं | उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया | मेजर सोमनाथ शर्मा ने 3 नवम्बर, 1947 को कश्मीर ऑपरेशन के दौरान श्रीनगर शहर तथा हवाई अड्डे को पाकिस्तानी आक्रमण से बचाने की खातिर अपना बलिदान दिया था | वे 4 कुमाऊँ रेजीमेन्ट संबद्ध थे |
2. गोरखा राइफल से संबद्ध कैप्टन धन सिंह थापा को अक्टूबर, 1962 में चीन के साथ लड़ाई में अदम्य साहस के लिए परमवीर चक्र दिया गया | वे शिमला जिले से संबंधित थे | वे जीवित परमवीर चक्र विजेता थे |
3. काँगड़ा के कैप्टन विक्रम बतरा को 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अदम्य शौर्य दिखाने के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र पुरस्कार दिया गया |
4. बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार को 1999 के कारगिल युद्ध के ऑपरेशन विजय के दौरान अदम्य शौर्य दिखाने के लिए परमवीर चक्र पुरस्कार दिया गया | उन्हें जीवित रहते हुए यह सम्मान दिया गया |
महावीर चक्र - इंदौरा, नूरपुर (काँगड़ा) के लेफ्टिनेंट कर्नल कमान सिंह हिमाचल प्रदेश के पहले महावीर चक्र विजेता हैं | उन्हें यह पुरस्कार मई, 1948 में दिखाई गई बहादुरी के लिए प्रदान किया गया | उनका संबंध 3 गढ़वाल राइफल से था |
वीर चक्र - लाहौल-स्पीति के हवलदार तोपगे हिमाचल प्रदेश के पहले वीर चक्र विजेता हैं | उन्हें यह पुरस्कार जुलाई, 1948 में दिखाए गए अदम्य साहस के लिए दिया गया | उनका संबंध 8 डोगरा रेजीमेन्ट से था |
परम विशिष्ट सेवा पदक - काँगड़ा के वी. एन. शर्मा एकमात्र हिमाचली हैं जो भारत के थलसेना अध्यक्ष रहें हैं | वे इस पद पर 1988 से 1990 तक कार्यरत थे | उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किया गया है | उन्हें यह पदक 1977 में प्रदान किया गया |
एन. सी. सी. - बिलासपुर में नौसेना राष्ट्रीय कैडेट कार्प्स (एन. सी. सी.) की शाखा है | यह 1963 में स्थापित की गई थी | नौसेना (नेवी) एन. सी. सी. की हिमाचल में यह एकमात्र शाखा है |
विक्टरी टनल - शिमला की प्रसिद्ध विक्टरी सुरंग का निर्माण 1945 ई. में किया गया था | यह सुरंग मित्र राष्ट्रों की द्वितीय विश्व युद्ध में प्राप्त विजय की याद में बनाई गई थी |
मिलिट्री स्कूल - सोलन जिले के चायल में मिलिट्री स्कूल स्थित है |
(ii) पुलिस - काँगड़ा जिले के ’डरोह’ में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय कार्य कर रहा है | यह पहले शिमला जिले के ’जुनगा’ में स्थित था | 1994 से यह डरोह में कार्य करने लगा |
सबाथू में गोरखा सिपाहियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र आज भी चल रहा है | हिमाचल प्रदेश के पुलिस के प्रमुख आई. जी. पी. अथवा डी. जी. पी. कहलाते हैं | हिमाचल प्रदेश के पहले आई. जी. पी. श्री एस. आर. चौधरी थे |
श्री गंगवीर सिंह राष्ट्रपति पुलिस पदक जीतने वाले पहले हिमाचली आई. जी. पी. हैं | उन्हें यह पुरस्कार 15 अगस्त, 1984 को प्राप्त हुआ | जिला किन्नौर के ओम प्रकाश राठौर (आई. पी. एस.) को संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का पुलिस सलाहकार रहने का अवसर प्राप्त हुआ | वे यह पद प्राप्त करने वाले पहले एशियाई व्यक्ति हैं |
हिमाचल प्रदेश राज्य फोरेंसिक लैब (SFL) जुंगा में स्थित है | इसकी स्थापना वर्ष 1988 ई. में की गई थी | श्री बी. आर. शर्मा इसके पहले निदेशक थे | इसके अंतर्गत दो क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला और मण्डी में कार्य कर रहे हैं |
अन्य विभाग -
1. हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एच. पी. पी. एस. सी.) - हिंचल प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन 1971 ई. में किया गया | इस आयोग का कार्यालय निगम विहार शिमला में है | इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष ले. जनरल के. एस. कटोच थे |
2. हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) - हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान की स्थापना 1 जनवरी, 1974 को की गई | यह संस्थान शिमला के फेयर लॉन में स्थित है |वी. के. शर्मा हिमाचल प्रदेश के लोक प्रशासन संस्थान के प्रथम अध्यक्ष हैं |
3. हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त - जून, 1983 में हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त विधेयक पारित किया गया | न्यायमूर्ति टी. वी. आर टाटाचारी हिमाचल प्रदेश के प्रथम लोकायुक्त बने | वे अगस्त, 1983 से अगस्त, 1988 तक इस पद पर रहे | लोकायुक्त का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है |
4. हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण (एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) - 1 जनवरी, 1986 को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना की गई | न्यायमूर्ति हीरासिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण के प्रथम अध्यक्ष बने | वर्ष 2008 में इसे बंद कर दिया गया | वर्ष 2013 में इसे पुन: खोल दिया गया |
5. हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड (एच. पी. एस. एस. एस. बी) - अक्टूबर, 1998 को हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड की स्थापना की गई। हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएँ चयन बोर्ड पक्का भरो, हमीरपुर में स्थित है। के. सी. मल्होत्रा इसके पहले अध्यक्ष बने।