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SET-8 | सामान्य हिन्दी 360° | General Hindi 360°

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सामान्य हिन्दी 360° | सर्वनाम | SET-8


सर्वनाम - सर्वनाम के भेद, परिभाषा

सर्वनाम : वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, तुम, हम, वह, आप, उसका, उसकी आदि। यह संज्ञा के स्थान पर आता है। संज्ञा और संज्ञा वाक्यांशों को आम तौर पर वह, यह, उसका और इसका जैसे सर्वनाम द्वारा प्रतिस्थापित कर सकते हैं, ताकि दोहराव या सुस्पष्ट पहचान के परिहार, या अन्य किसी कारण से। उदाहरण के लिए, वह राम है। वाक्य में शब्द वह सर्वनाम है, जो प्रश्नाधीन व्यक्ति के नाम की जगह पर मौजूद है। अंग्रेज़ी शब्द one और संज्ञा वाक्यांशों के हिस्सों की जगह ले सकता है, यह कभी-कभी संज्ञा के लिए मौजूद होता है।

मूल सर्वनाम : हिंदी के मूल सर्वनाम 11 हैं- मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ।
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम 6 हैं- पुरुषवाचक सर्वनाम , निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम , प्रश्नवाचक सर्वनाम , निजवाचक सर्वनाम।
1. पुरूषवाचक - मैं, तू, वह, मैंने
2. निजवाचक - आप
3. निश्चयवाचक (संकेतवाचक) - यह, वह
4. अनिश्चयवाचक - कोई, कुछ
5. संबंधवाचक - जो, सो
6. प्रश्नवाचक - कौन, क्या

सर्वनाम दो शब्दों के योग से बना है सर्व + नाम , अर्थात जो नाम सब के स्थान पर प्रयुक्त हो उसे सर्वनाम कहा जाता है।

सर्वनाम के उदाहरण
1. मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
2. मोहन स्कूल जा रहा है।
3. मोहन के पिताजी पुलिस हैं।
4. मोहन की माताजी डॉक्टर है।
5. मोहन की बहन खाना बना रही है।

उपर्युक्त वाक्य में मोहन ( संज्ञा ) है इसका प्रयोग बार – बार हुआ है। बार – बार मोहन शब्द को दोहराना वाक्यों को अरुचिकर व कम स्तर का बनाता है। यदि हम एक वाक्य में मोहन ( संज्ञा ) को छोड़कर अन्य सभी जगह सर्वनाम का प्रयोग करें तो वाक्य रुचिकर व आकर्षक बन जाएंगे। जैसे –

1. मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
2. वह स्कूल जा रहा है।
3. उसके पिताजी पुलिस हैं।
4. उसकी माताजी डॉक्टर हैं।
5. उसकी बहन खाना बना रही है।
इस प्रकार हम संज्ञा के स्थान पर इस का प्रयोग कर सकते हैं।

सर्वनाम की परिभाषा : "वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं।" जैसे – मैं , तुम , हम , वह , आप , उसका , उसकी , वह आदि। इसके शाब्दिक अर्थ को समझें तो यही प्रतीत होता है कि “ सबका नाम ” यह शब्द किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयुक्त ना होकर सबके द्वारा प्रयुक्त होते हैं। किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम होते हैं। मैं का प्रयोग सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं। अतः मैं किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम है।

सर्वनाम के भेद
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के 6 प्रकार के भेद होते हैं- पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक, निजवाचक ।

1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. संबंधवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम

1. पुरुषवाचक सर्वनाम : जो सर्वनाम वक्ता (बोलनेवाले), श्रोता (सुननेवाले) तथा किसी अन्य के लिए प्रयुक्त होता है, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
अथवा
जिन सर्वनाम का प्रयोग वक्ता श्रोता या अन्य के लिए किया जाता है वह पुरुषवाचक कहलाता है।

जैसे- मैं, तू, वह आदि। इन वाक्यो को देखिये -
उसने मुझे बोला था कि तुम पढ़ रही हो।

उपर्युक्त वाक्य को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि , इस वाक्य में तीन तरह के पुरुषवाचक शब्द आए हैं। उसने , मुझे और तुम- अतः स्पष्ट होता है कि पुरूषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं।

वे व्यक्ति जो संवाद के समय भागीदार होते हैं, उन्हें पुरुष कहा जाता है।
जैसे: मेरा नाम सचिन है।
इस वाक्य में वक्ता (सचिन) अपने बारे में बता रहा है। वह इस संवाद में भागीदार है एवं श्रोता भी।

पुरुष के प्रकार
हिन्दी में तीन पुरुष होते हैं-
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार - 1. उत्तम पुरुष , 2. मध्यम पुरुष 3. अन्य पुरुष।

उत्तम पुरुष- मैं, हम
मध्यम पुरुष - तुम, आप
अन्य पुरुष- वह, राम आदि

1. उत्तम पुरुष
वक्ता जिन शब्दों का प्रयोग अपने स्वयं के लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे – मैं, हम, मुझे, मैंने, हमें, मेरा, मुझको, आदि।

उत्तम पुरुष के कुछ उदाहरण:-
मैं खाना खाना चाहता हूँ।
मेरा नाम विकास है।
मैं दिल्ली में रहता हूँ।
मैं जयपुर जा रहा हूँ।
मैं दिन में तीन बार खाना खाता हूँ।
मेरे बहुत सारे दोस्त हैं।
मुझे स्कूल जाना पसंद है।
मेरे परिवार में चार सदस्य हैं।
मेरा घर मुंबई में है।
मेरे पापा बहुत अच्छे हैं।
मुझको बरसात पसंद है।
मुझको बारिश में भीगना पसंद नहीं है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता ‘मैं’,’मेरे’,’मुझे’, ‘मुझको’ आदि शब्दों का प्रयोग करके खुद के बारे में बता रहा है। अतः ये शब्द उत्तम पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।

2. मध्यम पुरुष
श्रोता ‘ संवाद ‘ करते समय जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं – जैसे – तू, तुम, तुमको, तुझे, आप, आपको, आपके आदि।

मध्यम पुरुष के कुछ उदाहरण:
मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ।
तुम मुझे पसंद हो।
तुमको किसी दूसरी जगह जाना चाहिए।
जो मैंने तुझे कहा था वही करना है।
तू बोलता है तो ठीक ही होगा।
आप आज ठीक नहीं लग रहे।
आजकल आप कहाँ रहते हैं ?
तुम क्या कर रहे हो?
तुम जब तक आये तब तक वह चला गया।
आप बाज़ार से सामान लेकर आओ।

ऊपर दिए वाक्यों में वक्ता ने ‘आपको’, ‘तुम’, ‘तुमको’, ‘तुझे’, ‘तू’, ‘आप’ आदि शब्द श्रोता के लिए किये हैं। अतः ये शब्द मध्यम पुरुष की श्रेणी में आते हैं।

3. अन्य पुरुष
जिस सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से वक्ता और श्रोता का संबंध ना होकर किसी अन्य का संबोधन प्रतीत हो। वह शब्द अन्य पुरुष कहलाता है जैसे – वह, यह, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, उसके, इसने आदि।

अन्य पुरुष के उदाहरण :
वह फुटबॉल बहुत अच्छा खेलता है। :
मैंने आपको बताया था वह पढाई में नहुत तेज़ है।
वह अमेरिका जाने के सपने देख रहा है।
उसका सपना एक दिन पूरा होगा।
इनकी तुममे कोई रूचि नहीं है।
इन्हें बाहर का रास्ता दिखादो।

ऊपर दिए गए वाक्यों में वक्ता ‘वह’, ‘उसका’, ‘इन्हें’ आदि शब्द प्रयोग करके किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में श्रोता को बता रहा है। अतः ये शब्द्द अन्य पुरुष की श्रेणी में आयेंगे।

2. निश्चयवाचक (संकेतवाचक) सर्वनाम
जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
अथवा
जो सर्वनाम किसी व्यक्ति , वस्तु आदि को निश्चयपूर्वक संकेत करें वह निश्चयवाचक कहलाता है।

जैसे- यह लड़की है।
वह पुस्तक है। ये हिरन हैं। वे बाहर गए हैं। 
इन वाक्यो को देखिये
यह मेरी पुस्तक है।
वह माधव की गाय है।
वह राम के भाई हैं।

' यह' , ' वह' , ' वह' सर्वनाम शब्द किसी विशेष व्यक्ति आदि को निश्चित संकेत करते हैं। अतः यह संकेतवाचक भी कहलाते हैं।

निश्चयवाचक और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर व समानता –
राम मेरा मित्र है , वह दिल्ली में रहता है — पुरुषवाचक (अन्य पुरुषवाचक )
यह मेरी गाड़ी है , वह राम की गाड़ी है। — निश्चयवाचक


3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति या पदार्थ का बोध नहीं होता, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
अथवा
जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान का बोध नहीं करवाता वह अनिश्चय वाचक कहलाते हैं।

जैसे- बाहर कोई है। मुझे कुछ नहीं मिला। 
इन वाक्यो को देखिये -
कोई आ रहा है।
दरवाजे पर कोई खड़ा है।
स्वाद में कुछ कमी है।
' कोई ' , ' कुछ ' सर्वनाम शब्दों में किसी घटना या किसी के होने की प्रतीति हो रही है। किंतु वास्तविकता निश्चित नहीं हो रही है। अतः यह अनिश्चयवाचक है।

4. संबंधवाचक सर्वनाम
वह सर्वनाम शब्द जो किसी वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा अथवा सर्वनाम के संबंध का बोध कराएं उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे – ' जो' , 'सो' , 'उसी' आदि।
अथवा
जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से संबंध दिखाने के लिए प्रयुक्त हो, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- जो करेगा सो भरेगा। इस वाक्य में जो शब्द संबंधवाचक सर्वनाम है और सो शब्द नित्य संबंधी सर्वनाम है।
अधिकतर सो लिए वह सर्वनाम का प्रयोग होता है। 
इन वाक्यो को देखिये -
जो कर्म करेगा फल उसीको मिलेगा।
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
जैसा कर्म वैसा फल
' जो' , ' उसे ' , ' जिसकी ' , ' उसकी ' , ' जैसा ' , ' वैसा ' इन सार्वनामिक शब्दों में परस्पर संबंध की प्रतीति हो रही है। ऐसे शब्द संबंधवाचक कहलाते हैं।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान के विषय में प्रश्न उत्पन्न हो, उसे प्रश्नवाचक कहते हैं। जैसे- क्या, कौन, कहां ,  कब,  कैसे आदि।
अथवा
जिस सर्वनाम से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। 


जैसे- तुम कौन हो ? तुम्हें क्या चाहिए ? 
इन वाक्यों में कौन और क्या शब्द प्रश्रवाचक सर्वनाम हैं। कौन शब्द का प्रयोग प्राणियों के लिए और क्या का प्रयोग जड़ पदार्थों के लिए होता है।
इन वाक्यो को देखिये -
तुम क्या कर रहे हो ?
क्या राम पास हो गया ?
मास्टर जी का क्या नाम है ?
वहां कौन खड़ा है ?
यह काम कैसे हुआ ?
' क्या' , ' कौन', कैसे आदि सर्वनाम शब्द प्रश्नवाचक कहलाते हैं।

6. निजवाचक सर्वनाम
वह सार्वनामिक शब्द जो स्वयं के लिए प्रयोग करते हैं जैसे – आप , अपना आदि जिससे स्वयं का बोध हो वह निजवाचक कहलाते हैं।
अथवा
जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- मैं खुद लिख लूँगा। 
तुम अपने आप चले जाना। 
वह स्वयं गाडी चला सकती है। 

उपर्युक्त वाक्यों में खुद, अपने आप और स्वयं शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं।इन वाक्यो को देखिये -
मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।
‘ अपना ‘ , ‘ अपनी ‘ , ‘ आप ‘ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।

*****
महत्वपूर्ण तथ्य और स्मरणीय बिंदु

संज्ञा के बदले आए शब्द को सर्वनाम कहते हैं। इस के छह भेद हैं। पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं- उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष , अन्य पुरुष इस के शब्दों का संबोधन नहीं होता है।
इन शब्दों के रूप में पुरुषवाचक –
1. उत्तम पुरुष सर्वनाम – मैं , तुम
2. मध्यम पुरुष – तू , तुम , आप
3. अन्य पुरुष – वह , हुए , यह 

निश्चयवाचक ( निकटवर्ती के लिए ) – यह , यहां 
निश्चयवाचक ( दूरवर्ती के लिए ) – वह , वहां।
अनिश्चयवाचक ( प्राणी बोध के लिए ) – कोई
अनिश्चयवाचक ( प्राणी बुद्ध के लिए ) – कुछ
संबंधवाचक – जो , सो , उसी , उसकी
प्रश्नवाचक ( प्राणी वाचक के लिए ) – कौन
प्रश्नवाचक ( प्राणी वाचक के लिए ) – क्या।
निजवाचक – आप , अपना।

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