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Himachal Pradesh | अर्थव्यवस्था : परिवहन, यातायात

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हिमाचल प्रदेश | अर्थव्यवस्था : परिवहन, यातायात

1. सड़क परिवहन - 1948 ई. में हिमाचल प्रद्फेश में सड़कों की कुल लम्बाई लगभग 288 किमी. के आसपास थी जो दिसम्बर 2012 तक बढ़कर 34,480 किमी. हो गई थी | हिमाचल प्रदेश के 9,861 गाँवों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है | काँगड़ा जिले में सड़कों की लम्बाई सर्वाधिक है, जबकि किन्नौर जिले में सड़कों की लम्बाई सबसे कम है |सड़कों का प्रति किमी. सर्वाधिक घनत्व हमीरपुर जिले में है और सबसे कम घनत्व लाहौल-स्पीति जिले में है | राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (NH-22) हिमाचल प्रदेश का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग है इसे हिन्दुस्तान तिब्बत सड़क भी कहते हैं | मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग-21 विश्व की सबसे ऊंची सड़क है |

(i) H.R.T.C. (हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम) - 2 अक्टूबर, 1974 को HRTC का गठन हिमाचल प्रदेश परिवहन और मण्डी कुल्लू परिवहन को मिलाकर किया गया | HRTC के पास शिमला, मण्डी, हमीरपुर और धर्मशाला में 4 मण्डलीय कार्यालय, 23 डिपो, 3 बीएस बॉडी बिल्डिंग यूनिट, 7 ड्राइवर ट्रेनिंग संस्थान (जसूर, मण्डी, तारादेवी, हमीरपुर, चम्बा, कुल्लू और सरकाघाट), 8619 स्टॉफ और 2000 बसें हैं |

(ii) राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) - हिमाचल प्रदेश में 2012 तक 1553 किमी. लम्बे 12 राजमार्ग थे |

क्र.सं.राष्ट्रीय राजमार्गराष्ट्रीय राजमार्ग का नामवृत्त का नामराज्य में लम्बाई
1.1-Aजालंधर-पठानकोट-जम्मू-श्रीनगर रोड-10 किमी.
2.20पठानकोट-चक्की-मण्डी रोडशाहपुर196.8 किमी.
3.21-Aपिंजौर-नालागढ़-स्वारघाट रोडशिमला48.875 किमी.
4.21चण्डीगढ़-मण्डी मनाली रोडशाहपुर227.535 किमी.
5.22 (सबसे लम्बा)अम्बाला-कालका-शिमला-वांगतू कोरिक रोडशिमला295.416 किमी.
6.70जालंधर-गगरेट-अम्ब-नादौन-हमीरपुर-धर्मपुर-मण्डी रोडशाहपुर206.560 किमी.
7.72अम्बाला-नारायणगढ़-कालाआम्ब-पौंटा हरिद्वार रोडशिमला57 किमी.
8.88शिमला-घाघस-हमीरपुर-नादौन-रानीताल-काँगड़ा रोडशाहपुर - शिमला197.7 किमी.
9.73-A (सबसे छोटा)लालढांग-बातापुल (सिरमौर की पौंटा तहसील में) सड़कशिमला7.42 किमी.
10.72-Bपौंटा-राजवन-शिलाई-मीनस हाटकोटी सड़कशिमला119.5 किमी.
11.20-Aनगरोटा-रानीताल-देहरा-मुबारकपुर रोडशाहपुर91.0 किमी.
12.305सैज-आनी-बंजार-औट सड़कशाहपुर-शिमला94.784 किमी.

♻ राष्ट्रीय राजमार्ग 73-A हिमाचल प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग है |

(iii) पुल - पौंटा साहिब का यमुना पुल हिमाचल प्रदेश का सबसे लम्बा पुल है | यह हिमाचल प्रदेश को उत्तराखण्ड से जोड़ता है | कन्दरौर पुल(बिलासपुर) एशिया का सबसे ऊँचा पुल है | यह सतलुज नदी पर बना है | यह 1964 बे बनकर तैयार हुआ | नादौन पुल ब्यास नदी पर बना है | सतलुज नदी पर सलापड़, तत्तापानी और लूरी पुलों का निर्माण हुआ है | रावी नदी पर बग्गा पुल और शीतला पुल का निर्माण किया गया है |

(iv) हिम ग्रामीण परिवहन स्वरोजगार योजना - परिवहन विभाग ने 'हिम ग्रामीण परिवहन स्वरोजगार योजना' के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं, विधवाओं, सहकारी सभाओं एवं चालक/परिचालकों को PMGSY की सड़कों व ने रूटों के परमिट दिए ताकि ग्रामीण यातायात को सुदृढ़ किया जा सके |

(v) रोहतांग सुरंग - रोहतांग सुरंग की लम्बाई 8.8 किमी. है | यह हिमाचल प्रदेश की सबसे लंबी सुरंग है जिससे मनाली और केलांग के बीच की दूरी 60 किमी. कम हो जाएगी | यह सुरंग 3100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है | इस सुरंग में कार्य 28 जून, 2010 को बॉडर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने शुरू किया | इस सुरंग का कांट्रेक्ट SMEC (Snowy Mountain Engineering Corporation) ऑस्ट्रेलिया को 2007 में दिया गया जिसे 2009 में STRABAG AG, ऑस्ट्रिया की कम्पनी और AFCONS इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दे दिया गया |

2. रेल परिवहन - हिमाचल प्रदेश में 1988 तक 209 किमी. लंबी रेल लाइन थी जो वर्तमान में बढ़कर 242 किमी. (96+113+33 = 242) हो गई है | हिमाचल प्रदेश में मुख्यत: 3 रेल लाइनें हैं |

(i) कालका-शिमला रेल लाइन - यह रेल लाइन नैरो गेज है | (पटरी की चौड़ाई 0.76 मीटर) | इस रेल लाइन का काम 1891 में शुरू हुआ | इस रेल लाइन पर 1 जनवरी, 1906 में पहली ट्रेन चली | यह रेल लाइन 96 किमी. लंबी है | इसमें 102 सुरंगें हैं, जिसमें बरोग (सोलन) सबसे लंबी सुरंग है, जिसकी लम्बाई 1143 मीटर है | इस रेल लाइन पर 869 पुल हैं जो कि रेल लाइन की लम्बाई का 3% है | भलखू रामू ने छड़ी द्वारा सर्वे कर इस रेल लाइन की खोज में सहायता की | 7 जुलाई, 2008 को इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया | इसके चीफ इंजीनियर H.S. हैरिंगटन थे |

(ii) जोगिन्द्रनगर पठानकोट रेल लाइन - इस नैरो गेज लाइन का निर्माण 1926 में शुरू हुआ तथा 1929 में पहली ट्रेन चली | इस रेल मार्ग में 2 सुरंग, 993 पुलस्थित है | गज खड्ड सबसे लम्बा नैरो गेज पुल है भारत का | इस रेल लाइन की लम्बाई 113 किमी. है | इसे काँगड़ा वैली रेलवे के नाम से जानते हैं | अहजू इस रेल लाइन का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन (1290 मीटर) है |

(iii) ऊना नगंल डैम-चरूडू रेल लाइन - यह हिमाचल प्रदेश की एकमात्र ब्राडगेज रेलमार्ग है जिसकी लम्बाई 16 किमी. से बढ़कर 33 किमी. हो गई है | इसका उद्घाटन 1991 में रेलमंत्री जनेश्वर मिश्र ने किया था |

♻ भानुपल्ली-बिलासपुर रेलमार्ग (3 किमी.) पर कार्य शुरु हो गया है |

3. वायु परिवहन -

हिमाचल प्रदेश के हवाई अड्डे - हिमाचल प्रदेश में 3 अड्डे स्थित है -

(a) जुब्बरहट्टी (सोलन) - यह 24 मई, 1987 से प्रयोग में लाया जाने लगा है | (1546 मीटर ऊँचाई) |

(b) गग्गल (काँगड़ा) - यह 20 दिसम्बर, 1989 से प्रयोग में लाया जाने लगा है | यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है | (770 मीटर ऊँचाई) |

(c) भुंतर (कुल्लू) - यह 1089 मीटर ऊँचाई पर है |

♻ हिमाचल प्रदेश में 57 हेलीपैड हैं |

4. रज्जू मार्ग - प्रदेश सरकार द्वारा 7 रज्जू मार्ग निजी क्षेत्र की भागीदारी से लगाने का प्रस्ताव है | ये रज्जू मार्ग है -

(i) भुंतर से बिजली महादेव

(ii) पलचान से रोहतांग (कुल्लू)

(iii) न्यूगल (पालमपुर)

(iv) शाहतलाई से दियोटसिद्ध (हमीरपुर)

(v) खटयारा से त्रियुंड (काँगड़ा)

(vi)आनंदपुर साहिब से नैना देवी जी (बिलासपुर)

(vii) गाँव जिया से आदि हिमानी चामुण्डा (काँगड़ा)

5. दूरसंचार व जनसम्पर्क - विश्व का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित पेट्रोल पम्प काजा लाहौल-स्पीति में है, जो 13500 फुट की ऊँचाई पर स्थित है |

o किब्बर (लाहौल-स्पीति) विश्व का सबसे ऊँचाई पर स्थित गाँव है जहाँ दूरभाष व्यवस्था है | यहाँ 22 जुलाई, 2000 को दूरभाष व्यवस्था हुई | यह 15 हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित है |

o विश्व का सबसे ऊँचा डाकघर हिकिम्म (लाहौल-स्पीति) में स्थित है | यह 15 हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित है | यह डाकघर 5 नवम्बर, 1983 को बना |

o प्रदेश सरकार 12 रोपवे का निर्माण करवा रही है | नैना देवी रोपवे शुरू हो गया है | शिवालिक होटल से जाखू, जाबली से कसौली, चंबाघाट से करोल टिब्बा, सोलंगनाला में रोपवे का कार्य चल रहा है |

o भारत में हस्तचालित रिक्शों का सर्वप्रथम प्रचलन 1880 के दशक में शिमला में शुरू हुआ था |

o देश की प्रथम स्वचालित दूरभाष केंद्र 1913 ई. में शिमला में स्थापित किया था |

o देश की प्रथम पोस्टल जीवन बीमा योजना का आरंभ हिमाचल के मण्डी जिले के कोटली में 24 मार्च, 1995 को शुरू हुआ |

o देश की पहली अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप डायलिंग सेवा मेहतपुर-संतोखगढ़-नंगल-ऊना के मध्य शुरू हो गई |

o भारत में उपग्रह धनादेश प्रणाली का सर्वप्रथम आरंभ शिमला के प्रमुख डाकघर से 8 अप्रैल, 1994 को हुआ |

o देश का प्रथम दूरदर्शन एवं सूक्ष्म तरंग टावर मंदिर जिले के जोगिन्द्रनगर के एडजू में स्थापित किया गया था।

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