1. जल विद्युत ऊर्जा - हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत ऊर्जा की शुरुआत चम्बा से हुई जब राजा भूरि सिंह ने सर्वप्रथम जलविद्युत परियोजना का निर्माण (1908 ई.) करवाया | मण्डी में बस्सी शानन जलविद्युत परियोजना 1932 ई. में जनता को समर्पित की गई |1948 ई. में हिमाचल प्रदेश की कुल विद्युत आपूर्ति 550 KV थी | वर्ष 1971 ई. में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड (HPSEB) का गठन किया गया | हिमाचल प्रदेश ने 1988 ई. में 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया था | लाहौल-स्पीति का किब्बर गाँव बिजली प्राप्त करने वाला ऊँचा गाँव है | हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (HPERC) का गठन 2001 में किया गया | सन 2010 में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3 हिस्सों में विभाजित कर दिया गया | जल विद्युत का उत्पादन का कार्य हिमाचल प्रदेश पॉवर कारपोरेशन कम्पनी लिमिटेड (HPPCL) को सौंपा गया | जल विद्युत संचारण (Transmission) का कार्य हिमाचल प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड (HPPTCL) को सौंपा गया | राज्य में जल विद्युत वितरण (Distribution) का कार्य हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत् बोर्ड लिमिटेड को सौंपा गया | HPPCL की स्थापना 2006 में हुई है | हिमाचल प्रदेश की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 23,000 मेगावाट है |
हिमाचल प्रदेश की 5 मुख्य नदियों की सम्भाव्य क्षमता -
क्र.सं. | नदी तट | क्षमता (मेगावाट) |
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1. | यमुना | 817 |
2. | सतलुज | 10,361 |
3. | ब्यास | 5,357 |
4. | रावी | 2,958 |
5. | चिनाब | 2,973 |
6. | स्वयं चिन्हित/नये चिन्हित | 534 |
2. (A) पूर्ण परियोजनाएँ -
1. हिमाचल प्रदेश की परियोजनाएँ -
(i) गिरी परियोजना - 60 मेगावाट / गिरी नदी / सिरमौर |
1964 में बननी शुरू हुई | 1966 में बनकर तैयार हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई सबसे पहली परियोजना |
(ii) बस्सी परियोजना - 60 मेगावाट/ ब्यास नदी / मण्डी |
(iii) भाभा (संजय गांधी) जलविद्युत परियोजना - 120 मेगावाट / भाभा खण्ड सतलुज की सहायक नदी / किनौर जिला / 1989 में पूर्ण हुई | यह एशिया की पहली भूमिगत जलविद्युत परियोजना है |
(iv) थिरोट परियोजना - 4.50 मेगावाट / थिरोट नाला चिनाब की सहायक नदी / जिला लाहौल-स्पीति |
(v) आंध्रा परियोजना - 16.95 मेगावाट / शिमला जिला चींड गाँव / आंध्रा नदी (पब्बर की सहायक नदी पर बनी) |
(vi) बनेर परियोजना - 12 मेगावाट / काँगड़ा जिला / बनेर खड्ड पर |
(vii) गज परियोजना - 10.25 मेगावाट / काँगड़ा जिला / गज व ल्योण खड्ड पर |
(viii) धानवी परियोजना - 22.5 मेगावाट / शिमला (ज्योरी) / धानवी खड्ड सतलुज की सहायक नदी |
(ix) बिनवा परियोजना - 6 मेगावाट / बैजनाथ (काँगड़ा) / बानू खड्ड ब्यास की सहायक नदी |
(x) गुम्मा परियोजना - 3 मेगावाट / मण्डी / गुम्मा खड्ड |
(xi) होली परियोजना - 3 मेगावाट / भरमौर (चम्बा) / रावी नदी |
(xii) लारजी परियोजना - 126 मेगावाट / कुल्लू / ब्यास नदी (हिमाचल सरकार द्वारा निर्मित सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना) |
2. निजी क्षेत्र की जलविद्युत परियोजना -
(i) वस्पा परियोजना - 300 मेगावाट / किन्नौर / वस्पा सतलुज की सहायक नदी |
(ii) मलाणा परियोजना - 86 मेगावाट / कुल्लू / मलाणा खड्ड ब्यास की सहायक नदी |
3. केंद्र राज्य के साझेदारी में बनी जल विद्युत परियोजनाएँ -
(i) यमुना परियोजना - 131.57 मेगावाट / सिरमौर / उत्तराखण्ड के सहयोग से यमुना नदी पर बनाई गई है |
(ii) चमेरा I परियोजना - 540 मेगावाट / रावी / चम्बा / NHPC द्वारा 1994 में निर्मित |
(iii) चमेरा II परियोजना - 300 मेगावाट / रावी नदी / चम्बा / NHPC द्वारा 2004 में निर्मित |
(iv) बैरास्यूल परियोजना - 180 मेगावाट / बैरास्यूल खड्ड रावी नदी की सहायक नदी / चम्बा जिला / NHPC द्वारा 1981 में निर्मित |
(v) शानन परियोजना - 110 मेगावाट / पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा निर्मित पंजाब के अधीन है | मण्डी जिले के जोगिन्द्रनगर में स्थित यह हिमाचल प्रदेश में बनी जलविद्युत परियोजना है जो 1932 में ब्यास की सहायक नदी रीना नदी पर बनी थी जिसे उहल खड्ड भी कहते हैं |
(vi) पोंग परियोजना - 396 मेगावाट / काँगड़ा / ब्यास नदी / BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) द्वारा निर्मित है |
(vii) देहर परियोजना - 990 मेगावाट / काँगड़ा / देहर खड्ड / BBMB द्वारा निर्मित |
(viii) भाखड़ा परियोजना - 1325 मेगावाट / बिलासपुर / सतलुज नदी / 1963 में बनकर तैयार / 226 मीटर ऊँचा बाँध / BBMB द्वारा निर्मित |
(ix) नाथपा झाकड़ी परियोजना - 1500 मेगावाट / किन्नौर / केंद्र-राज्य की संयुक्त परियोजना जिसे SJVNL सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने बनाया है | इसे विश्व बैंक से भी सहयोग मिला है |
5. (B) प्रगति (अभी बन रही) जल विद्युत परियोजनाएँ -
(1) कंसाग परियोजना - 243 मेगावाट / किन्नौर जिला / कसांग खड्ड सतलुज की सहायक नदी |
(2) उहल III परियोजना - 100 मेगावाट / मण्डी जिला / उहल खड्ड ब्यास की सहायक नदी |
(3) स्वार कुडडू परियोजना - 111 मेगावाट / शिमला जिला / पब्बर नदी की सहायक स्वार कुडडू पर निर्मित |
(4) सोंगटोंग करछम परियोजना - 402 मेगावाट / किन्नौर / सतलुज नदी |
(5) सेंज परियोजना - 100 मेगावाट / कुल्लू / NHPC द्वारा निर्मित / ब्यास की सहायक नदी सेंज पर निर्मित |
(6) पार्वती परियोजना - 2051 मेगावाट (हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना) / कुल्लू जिले में / ब्यास की सहायक नदी पार्वती पर निर्मित NHPC द्वारा बनाई जा रही है जिसमें 5 राज्यों हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात व हरियाणा का सहयोग है | इस परियोजना में हिमाचल प्रदेश का 15% हिस्सा है | सबसे अधिक लागत राजस्थान उठा रहा है |
(7) कोल बाँध परियोजना - 800 मेगावाट / बिलासपुर जिला / सतलुज नदी / NTPC नेशनल थरमल पॉवर कारपोरेशन द्वारा निर्मित | रूस की सहायता से निर्मित परियोजना |
(8) कड़छम वांगतू परियोजना - 1000 मेगावाट / सतलुज नदी / किन्नौर जिला / J.P. इंडस्ट्री द्वारा निर्मित निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना |
(9) रोंग टोंग परियोजना - 2 मेगावाट / लाहौल-स्पीति / रोंग टोंग नाला / स्पीति नदी |
(10) रामपुर परियोजना - 412 मेगावाट / शिमला जिला / सतलुज नदी / यह परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) द्वारा निर्मित की जा रही है |
(11) धमुराड़ी सुंडा परियोजना - 70 मेगावाट / शिमला जिला / पब्बर नदी / निजी क्षेत्र की परियोजना स्वीडन की सहायता से निर्मित |
(12) उहल II परियोजना - 70 मेगावाट / मण्डी जिला / ब्यास की सहायक उहल नदी पर निर्मित |
(13) आलयन दुहंगन परियोजना - 192 मेगावाट / कुल्लू / ब्यास की साहायक नदी /AD पॉवर पर निर्मित |
(14) मलाणा II परियोजना - 100 मेगावाट / कुल्लू / ब्यास नदी |
(15) हड़सर परियोजना - 60 मेगावाट / रावी नदी / चम्बा जिला |
(16) भरमौर परियोजना - 45 मेगावाट / रावी नदी / चम्बा जिला |
(17) टिडोंग परियोजना - 100 मेगावाट / सतलुज / किन्नौर जिला |
(18) चिडगाव मझगाँव परियोजना - 46 मेगावाट / शिमला जिला / आंध्रा नदी |
(19) रेणुका (परशुराम सागर बाँध) परियोजना - 40 मेगावाट / सिरमौर जिला / गिरी बाटा नदी पर निर्मित |
(20) पटकरी परियोजना - 16 मेगावाट / मण्डी / ब्यास की सहायक नदी पटकरी पर निर्मित |
(21) बुधिल परियोजना - 70 मेगावाट / चम्बा जिला / रावी की सहायक नदी बुधिल पर निर्मित |
(22) खाब परियोजना - 1020 मेगावाट / किन्नौर जिला / सतलुज |
(23) जांगी थोपन परियोजना - 960 मेगावाट / किन्नौर जिला / सतलुज नदी |
(24) छांगों यांगटाग परियोजना - 140 मेगावाट / किन्नौर जिला / सतलुज नदी |
(25) रूकटी परियोजना - 1.5 मेगावाट / किन्नौर जिला / सतलुज नदी |
(26) हिब्रा चमेरा III परियोजना - 260 मेगावाट / चम्बा जिला / रावी नदी / NHPC द्वारा 2012 में निर्मित |
(27) सेली परियोजना - 454 मेगावाट / चम्बा जिला / चिनाब नदी |
(28) राओली परियोजना - 500 मेगावाट / चम्बा जिला / चिनाब नदी |
(29) मनछेतरी परियोजना - 100 मेगावाट / चम्बा जिला / रावी नदी |
6. सौर ऊर्जा / हिम ऊर्जा -
(1) हिम ऊर्जा ने चम्बा जिले के पांगी उप-मण्डल में लघु जल विद्युत जनरेटर सेट्स स्थापित किए हैं |
(2) हिम ऊर्जा द्वारा भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना अनुसार 2 राज्य स्तरीय ऊर्जा पार्को की स्थापना की जाएगी | उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन और एन. आई. टी. हमीरपुर में ऊर्जा पार्क स्थापित किए जा रहें हैं |
(3) शिमला तथा हमीरपुर शहर को भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के कार्यक्रम के अनुसार सौर शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा |
(4) हिमाचल प्रदेश सचिवालय में एक 6.5 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट, 2000 लीटर प्रतिदिन क्षमता का सौर जल तापीय संयंत्र तथा 6 सौर प्रकाशवोल्टीय गली रोशनियाँ की स्थपना की गई है।