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सामान्य हिन्दी 360° | विराम चिन्ह | SET-6
विराम चिन्ह - परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और उनका प्रयोग
विराम चिन्ह : विराम चिन्ह का अर्थ है ठहराव, विश्राम, रुकना। अथार्त वाक्य लिखते समय विराम को प्रकट करने के लिए लगाये जाने वाले चिन्ह को ही विराम चिन्ह कहते हैं।
या
विराम का अर्थ : विराम का अर्थ है 'रुकना' या 'ठहरना', अथार्त वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम-चिह्न कहा जाता है।
विराम चिन्ह के उदाहरण :
मोहन पढ़ रहा है । (सामान्य सूचना)
ताजमहल किसने बनवाया ? (प्रश्नवाचक)
श्याम आया है ! (आश्चर्य का भाव)
विराम चिन्ह का प्रयोग
यदि विराम चिन्ह का वाक्य में सही से प्रयोग न किया जाए तो वाक्य अर्थहीन और अस्पष्ट या फिर एक दूसरे के विपरीत हो जाता है।
उदाहरण के लिए
1. रोको मत जाने दो।
2. रोको, मत जाने दो। – अब यहाँ पर न जाने दो की बात हो रही है।
3. रोको मत, जाने दो। – और यहाँ पर जाने दो की बात हो रही है।
उपर्युक्त उदाहरणों में : पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं होता, जबकि द्वतीय और त्रतीय वाक्य में अर्थ तो स्पष्ट हो जाता है लेकिन एक-दूसरे का उल्टा अर्थ मिलता है जबकि तीनो वाक्यों में वही शब्द है। दूसरे वाक्य में 'रोको' के बाद अल्पविराम लगाने से रोकने के लिए कहा गया है जबकि तीसरे वाक्य में 'रोको मत' के बाद अल्पविराम लगाने से किसी को न रोक कर जाने के लिए कहा गया हैं।
विराम चिह्न के प्रकार :
1. अल्प विराम (Comma)( , )
2. अर्द्ध विराम (Semi colon) ( ; )
3. पूर्ण विराम (Full-Stop) ( । )
4. उप विराम (Colon) [ : ]
5. विस्मयादिबोधक चिह्न (Sign of Interjection)( ! )
6. प्रश्नवाचक चिह्न (Question mark) ( ? )
7. कोष्ठक (Bracket) ( ( ) )
8. योजक चिह्न (Hyphen) ( - )
9. अवतरण चिह्न या उद्धरण चिह्न (Inverted Comma) ( '' ... '' )
10. लाघव चिह्न (Abbreviation sign) ( o )
11. आदेश चिह्न (Sign of following - विवरण चिन्ह) ( :- )
12. रेखांकन चिह्न (Underline) ( _ )
13. लोप चिह्न (Mark of Omission - पदलोप चिन्ह)( ... )
14. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह-Repeat Pointer Symbol ( ,,)
15. विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह-Oblivion Sign ( ^ )
16. दीर्घ उच्चारण चिन्ह ( S )
17. तुल्यता सूचक चिन्ह ( = )
18. निर्देशक चिन्ह ( ― )
अल्प विराम-Comma (,)
जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं अथार्त एक से अधिक वस्तुओं को दर्शाने के लिए अल्प विराम चिन्ह (,) लगाया जाता है।
उदाहरण :
राम, सीता, लक्षम और हनुमान ये सभी भगवान् के रूप में पूजे जाते हैं।
मैंने भारत में पहाड़, झरने, नदी, खेत, ईमारत आदि चीजें देखीं थी।
अर्द्ध विराम (Semicolon) [ ; ]
जहाँ अल्प विराम (Alp Viram) की अपेक्षा कुछ अधिक देर तक रुकना पड़े, वहाँ अर्द्ध विराम (Ardh Viram) का प्रयोग करते है ।
उदाहरण :
सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया ।
सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए ।
पूर्ण विराम-Full Stop (।) :
जब वाक्य खत्म हो जाता है तब वाक्य के अंत में पूर्ण विराम (।) लगाया जाता है।
उदाहरण :
राम खाना खाता है।
मोहन स्कूल जाता है।
राम जा दोस्त मोहन है।
मैंने अपना काम पूरा कर लिया।
उप विराम (Colon) [ : ]
जब किसी कथन को अलग दिखाना हो तो वहाँ पर उप विराम (Up Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण :
प्रदूषण : एक अभिशाप ।
विज्ञान : वरदान या अभिशाप ।
विस्मयादिबोधक चिन्ह-Interjection (!) :
विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)का प्रयोग वाक्य में हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय इत्यादि का बोध कराने के लिए किया जाता है अथार्त इसका प्रयोग अव्यय शब्द से पहले किया जाता है।
उदाहरण :
हाय !, आह !, छि !, अरे !, शाबाश !
हाय ! वह मार गया।
आह ! कितना सुहावना मौसम है।
वाह ! कितना सुंदर वृक्ष है।
प्रश्न चिन्ह (Question Mark) [ ? ]
प्रश्न चिन्ह (Prashn Chinh) का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है ।
उदाहरण :
वह क्या लिख रहा है ?
ताजमहल किसने बनवाया ?
कोष्ठक चिन्ह (Bracket) [ (),{},[] ]
कोष्ठक चिन्ह (Koshthak Chinh) का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है ।
उदाहरण :
विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा ।
धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे ।
योजक चिन्ह (Hyphen) [ - ]
योजक चिन्ह (Yojak Chinh) का प्रयोग समस्त पदों के मध्य में किया जाता है ।
उदाहरण :
सुख-दुःख, लाभ-हानि, दिन-रात, यश-अपयश, तन-मन-धन ।
देश के दीवानों ने तन-मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया ।
अवतरण या उदहारणचिन्ह-Inverted Comma ( “…” ) :
किसी की कही हुई बात को उसी तरह प्रकट करने के लिए अवतरण चिह्न (”…”) का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :
तुलसीदास ने सत्य कहा है ― ”पराधीन सपनेहु सुख नाहीं।”
जयशंकर प्रसाद ने कहा है ― ”जीवन विश्र्व की सम्पत्ति है।”
राम ने कहा, ”सत्य बोलना सबसे बड़ा धर्म है।”
लाघव चिन्ह-Abbreviation Sign (०) :
किसी बड़े तथा प्रसिद्ध शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे शून्य (०) लगा देते हैं। यह शून्य ही लाघव-चिह्न कहलाता है।
उदाहरण :
डॉंक़्टर के लिए ― डॉं०
पंडित के लिए ― पं०
इंजिनियर के लिए ― इंजी०
उत्तर प्रदेश के लिए ― उ० प्र०
विवरण चिन्ह-Sign of Following ( :- ) :
विवरण चिन्ह (:-)का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है।
उदाहरण :
आम के निम्न फायदे है:-
संज्ञा के तीन मुख्य भेद होते हैं:-
वचन के दो भेद है:-
रेखांकन चिन्ह-Underline ( _ ) :
किसी भी वाक्य में महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य को रेखांकित करने के लिए रेखांकन चिन्ह (_)का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :
हरियाणा और उत्तर प्रदेश को यमुना नदी प्रथक करती है।
गोदान उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ कृति है।
कृष्ण ने बरगद के पेड़ के निचे उपदेश दिया था।
पदलोप चिन्ह-Omission (…) :
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो तो लोप चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण :
राम ने मोहन को गली दी…।
मैं सामान उठा दूंगा पर…।
में घर अवश्य चलूँगा… पर तुम्हारे साथ।
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह-Repeat Pointer Symbol (,,) :
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य के अंश को दोबारा लिखने से बचने के लिए किया जाता है।
उदाहरण :
1. रमेश कक्षा दश में पढ़ता है।
2. ,, के पिता एक किसान हैं।
यहाँ ,, का प्रयोग रमेश के लिए हुआ है।
विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह-Oblivion Sign (^) :
विस्मरण चिन्ह (^) का प्रयोग लिखते समय किसी शब्द को भूल जाने पर किया जाता है।
उदाहरण :
राम ^ जाएगा।
श्याम ^ में रहते थे।
राम बहुत ^ लड़का है।
मैंने तुमसे वो बात ^ थी।